लाइकेन क्या है यह कितने प्रकार के होते हैं?

 लाइकेन क्या है यह कितने प्रकार के होते हैं? 

लाइकेन एक स्वपोषी, सुकायवत, संयुक्त, सहजीवी जीव है, जिसमें एक कवक तथा शैवाल साथ साथ संयुक्त रूप से रहते हैं । हरा, स्वपोषी तथा बहुकोशिकीय होने के कारण इसे पादप जगत का एक सदस्य मानते हैं । इसके कवक सदस्य को माइकोबियांट तथा शैवाल सदस्य को फाईकोबियांट कहते हैं । इस सहजीवी संबंध ने कवक, शैवाल सदस्य से भोजन प्राप्त करता है और बदले में इसे प्रतिकूल परिस्थितियां मुख्यतः सूखे से बचाता है । लाइकेन के सदस्य आपस में इतनी घनिष्ठता से जुड़े होते हैं कि वे एक ही पौधे के समान दिखाई देते हैं । लाइकेन की खोज सर्वप्रथम तुलसने ने की थी, लेकिन इसकी संरचना का सबसे पहले अध्ययन डी बेरी ने किया था । 

आवास एवं स्वभाव 

लाइकेन की अब तक 16,000 जातियों तथा 400 वंशों की खोज की जा चुकी है । ये नमी वाले स्थानों, पेड़ों की छाल, नम भूमि, लकड़ी के लट्ठे तथा चट्टानों पर आसानी से उगते हैं।  बोल्ड ने कुछ समुद्री लाइकेन जैसे- peltigera का भी उल्लेख किया है।  इन्हें उन स्थानों पर भी उगते देखा गया है, जहाँ पर अन्य जीवन असंभव लगता है । लाइकेन नम तथा छायादार स्थानों में पाए जाते हैं ।

लाइकेन प्रकार 

वहीं अगर इनके प्रकारों की बात करें तो इनके मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं । 

  1. क्रस्टोज लाइकेन 
  2. फोलियोज लाइकेन
  3. तंतुवत लाइकेन
1. क्रस्टोज लाइकेन - ये चट्टानों तथा छालों पर चपटी रचना के रूप में इतनी दृढ़ता से चिपके रहते हैं कि सुकाय के बिना टूटे इन्हें आधार से अलग नहीं किया जा सकता है । 

2. फोलियोज लाइकेन - ये चपटे पालीवत पत्ती के समान होते हैं।  ये आधार से से पतली - पतली तंतुवत रचनाओं के द्वारा जुड़े रहते हैं । इन रचनाओं को राइजिंस कहते हैं । 

3. तंतुवत लाइकेन - ये चपटा, शाखित, फीते के समान तंतुवत होते हैं ।  इनकी कुछ शाखाएँ उर्ध्व रहती हैं जिस कारण ये झाड़ी के समान दिखाई देते हैं । 

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